कर्नल बैंसला : साधारण धूल से उठा हुआ ईश्वर का अद्भुत फूल

सोचता हूं की क्या लिखा जाए उसे शख्स के बारे में जो दिखता तो बहुत साधारण था.  लेकिन उस साधारणता के पीछे विराट व्यक्तित्व था.  उस इंसान के घूमने फिरने,उठने बैठने, चलने और ठहरने में इतनी समान्यता मौजूद थी कि उससे हर कोई जुड़ जाता था.


 गांव के बुजुर्ग उन्हें बड़ी आशा के साथ देखते थे. युवा उन्हें देखकर पहले से अधिक आत्मविश्वास और हिम्मत महसूस करते थे.

 महिलाओं के लिए वह उनकी हकदारी का परचम था. तो स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियां उन्हें ऐसी दिखती थी जैसे कोई उनके सपनों का फरमान लेकर आसमान से उतरा हो. और कह रहा हो, मेरी बेटियों जाओ अपने सपने पूरे करो. 


 कर्नल बैंसला. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला

इस नाम के आगे पीछे राजस्थान में सामाजिक न्याय की एक मौजू लड़ाई लड़ी गई. इस नाम के आगे पीछे परिवर्तन और विचारधारा का एक गठबंधन करवट लेता है. और पुराने प्रतिमानों को तोड़कर एक नई तरह की व्यवस्था बनाने के लिए जो कोशिश हुई है. वह कोशिश लाखो परिवारों के जीवन मे बदलाव का सेतु बन गयी. 


सामाजिक परिवर्तन का जो  लेख लिखा गया है. इतिहास में ऐसे फेनोमेनल मोमेंट्स को युगांतरकारी परिवर्तन कहते हैं.


 कर्नल बैंसला का स्वयं का जीवन दैवीय कहानी से काम नहीं है. एक गांव में पढ़ लिखकर वे पहले शिक्षक बने, फिर उन्होंने सेना ज्वाइन की, सेवा में रहते हुए उनके किस्से और कहानी आज भी मौजूद है. किस्से उनकी बहादुर के और कहानीयाँ उनकी जिंदादिली की.


 ऐसा लगता है कि कोई व्यक्ति एक ही जीवन में बहुत सारे जीवन जी लेता है. कर्नल बैसला ने भी  ग्रामीण जीवन,  सैन्य जीवन, आंदोलनकारी जीवन और सामाजिक बदलावकर्ता का जीवन जिया था.


 आजीवन जिस व्यक्ति की आभा,  ईमानदारी,  निष्ठा नि संदेह हो, जिस व्यक्ति के काम परिवर्तन के रूप में दृश्यमान हो वही व्यक्ति तो जीवन जीने का असली सुख भोग पता है. कर्नल ऐसे बिरले व्यक्तित्व थे.


 कर्नल बैंसला साहब को याद करते हुए, मैं अक्सर एक विस्मय में खो जाता हूं, एक ऐसा विस्मय जहां उनके व्यक्तित्व की गहराई के पीछे उनका गहरा आत्मविश्वास,समाज की धारा को बदलने का तेज, और साधारण जीवन जीने का अनंत सुख मौजूद है.


उनकी झोपड़ी, उनका घर, उनका बगीचा इतना साधारण है की बार-बार अंतर्मन से यही आवाज आती है कि साधारण रहकर ऐसा असाधारण साहस खोजा जा सकता है. सामान्य रहकर असामान्य परिवर्तन किया जा सकते हैं.



Comments

Popular posts from this blog

कर्नल बैंसला : व्यक्तित्व निर्माण की पाठशाला

दुःसाहसी व्यक्तित्व : कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला